मन की बातें
प्रश्न -ः बाबा ने तीव्रता से स्वभाव व संस्कार बदलने को कहा है संस्कार को तीव्रता से बदलने के लिए क्या किया जाए ?
उत्तर -ः जिनके संस्कार नहीं बदल रहे हैं उन्हें ये पता ही नहीं कि उन्हें अपना ये संस्कार बदलना है । वे स्वयं को ठीक समझते हैं या सोचते हैं कि ये तो सभी में हैं । पहले ह्में ये स्पष्ट पता हो कि मुझे अपना ये-ये संस्कार बदलना है । परंतु उस संस्कार को बार-बार याद न करके अपने दैवी स्वरूप को सामने लायें ।
- आप दिन में तीन बार ये अभ्यास करें कि मेरा दिव्य स्वरूप मेरे सामने खडा है, मैं तो सर्वगुण संपन्न , सोलह कला संपूर्ण, संपूर्ण निर््विकारी,निर्मल हूं, दिव्य हूं । हर बार तीन मिनट ये अभ्यास करें ।
- संस्कार बीज रूप स्थिति से तेजी से बदलते हैं, परंतु अनेकों से ये अभ्यास होता नहीं । यदि स्वमान में रहकर मैं मास्टर सर््वशक्तिमान हूं, बीज रूप शिवबाबा से स्वयं में शक्तियां भरें तो संस्कार तीव्रता से बदल जाएंगे
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